Wednesday, December 23, 2009

'निमंत्रण की राह में..'





ये हमने अपने एक 'ऑनलाइन मित्र' की सहायता करने के लिए लिखी..उनकी एक सहकर्मी का विवाह सुनिश्चित हुआ है और वो भोज देने में थोड़ा हिचकिचा रहीं हैं.. बस उनको एक पत्र भेज दिया गया..



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"परम आदरणीया..

सुश्री सुष्मिता जी..

सर्वप्रथम, आपको आगामी जीवन की हार्दिक बधाईयाँ.. आपके मित्र-गण आपको इस उपलक्ष्य में एक सुंदर उपहार देना चाहते हैं..किन्तु वो आपके द्वारा दिए गए निमंत्रण के पश्चात ही संभव हो पायेगा..!!

आपकी ओर से आयोजित भोज के निमंत्रण की राह में..

आपके मित्र-गण..

आपके हितैषी..!!"


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आप सभी के विचारों की राह तकते हुए..



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