Monday, May 17, 2010

'कबूल है..'



...

"ता-उम्र ढूँढा है...
साया तेरा..

ना कह सका..
मस्जिद हो..
तस्वीर हो..
आईना हो..
चाँद हो..
वजूद हो..
सबब हो..

कबूल है..
तहज़ीब हो..
रवानगी हो..
जिंदगानी हो..
मेरी कहानी हो..!!
रूह की निशानी हो..!!!"

...

5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय भास्‍कर said...

सुंदर शब्दों के साथ.... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....

दिलीप said...

waah...bahut khoob...

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुमन जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिलीप जी..!!