Tuesday, May 18, 2010

'मेरा लड्डू..'






For a 'Net' Friend..who I met by chance..and got to know..a genuine healer..a simple and sensitive heart..a beautiful person..full of zest..enthusiasm..life..!! A truly inspiring..and helpful human being..!!

Dedicated to u..!! Taking this liberty of calling u..'My Laddu'...!!!!!



...


"इक अपरिचित-सा..
'नेट' की वादियों में..
अचानक मिला ऐसे..
रेगिस्तान में..
ओस की बूँद..
बरसी हो जैसे..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..


सबके राग में साज़ सजाता..
हर क्षण सबका मनोबल बढ़ाता..
जीने की नयी राह दिखाता..
बाँध के घुंघरू सबको लुभाता..
हर स्वप्न को साकार कराता..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..

तलवार की धार झुठलाता..
कलम से लोहा मनवाता..
अंतर्मन में दीप जगवाता..
शब्दकोष का भंडार जड़वाता..
मानवता का संकल्प अपनाता..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..

कठिनाई से नहीं घबराता..
दुश्मन के छक्के छुड़ाता..
हर दुःख को टक्कर लगाता..
संघर्ष का नया पाठ पढ़ाता..
कामयाबी का सेहरा सजाता..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..

दिनकर की आभा-सा चमकाता..
चन्द्र निर्मल चन्दन-सा महकाता..
इत्र की सुगंध-सा सनसनाता..
सरसों के खेतों सा लहराता..
चिड़िया-सा आँगन चहकाता..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..


रहस्य सुंदर अनायास गरजाता..
उजली दिशा सहज चढ़वाता..
शंखनाद से उत्साह भरपाता..
भँवर में चट्टान बन इठलाता..
बर्फीला तूफाँ भी शरमाता..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..


दीपावली का उजाला बन जाता..
होली का मदमस्त रंग लगाता..
बसंत की रसभरी बहार उगाता..
सावन की सुंदर अनुभूति जगाता..
पतझड़ में भी गीतों की झड़ी लगाता..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..

सबसे प्यारा..
सबका तारा..
सबसे न्यारा..
सबका नजारा..
सबका दुलारा..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..

हर पल खुशियाँ पाओ..
खेलो..कूदो..उदम मचाओ..
आगे हर मंजिल बढ़ते जाओ..
प्रगति के नए झंडे गढ़ाओ..
अपनों को गौरवशाली कराओ..
देखा..
ऐसा है..
'मेरा लड्डू'..!"

...

10 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

दिलीप said...

are waah lagta hai laduu sahab dil ki gehraiyon tak utar chuke hain...

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिलीप जी..!!

Dev said...

वाह !! .....बहुत ही लाजवाब प्रस्तुती .......

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद देवेश प्रताप जी..!!

Anonymous said...

bahut achhe....
aapko itna achha ddost milne par badhai....
bahut hi achhi kavita ban padi hai.....
regards..
http://i555.blogspot.com/

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद शेखर सुमन जी..!!

HITESH said...

Bahut hi badhiya hai aap ka Ladoo ... :)

Unknown said...

kavita mein kavi ki kalpana shakti ki pariksha hoti hai. aapne ek laddu ke jo itane chakkar lagaye hain,to jahir hai aap ki kalpana shakti bahut virat hai.khoobsurat rachana ke liye badhayi.-brij gopal sharma

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद हितेश जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद बृजगोपाल जी..!!