Sunday, October 17, 2010

'अपने..'


...


"दहलीज़ ना रखना ज़माने के आगे..
सुना है..
अपने ही खंज़र छुपा लाते हैं..!!"


...

9 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Udan Tashtari said...

अपने ही...ऐसा करते हैं.

Anamikaghatak said...

bahut sundar rachana.........vijaya dashami ki hardik badhai

Unknown said...

Jab Apne hi aisa karte hain to man bahut dravit hota hai.

VIKAS PANDEY

www.vicharokadarpan.blogspot.com

M VERMA said...

अपने का वार तीखा होता है

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद एना जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद विकास जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद वर्मा जी.!!

Anonymous said...

ख़ूबसूरत रचना..मज़ा आ गया...
इस बार मेरे नए ब्लॉग पर हैं सुनहरी यादें...
एक छोटा सा प्रयास है उम्मीद है आप जरूर बढ़ावा देंगे...
कृपया जरूर आएँ...

सुनहरी यादें ....

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद शेखर सुमन जी..!!