Friday, November 26, 2010

'भाषा..'

...

"सत्य की परिभाषा..
जन-जन की अभिलाषा..

परियों समान विलुप्त..यह भाषा..!"

...

3 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय भास्‍कर said...

satya vachan

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

प्रियंका जी
नमस्कार !
भाषा शीर्षक से अच्छी त्रिवेणी है , बधाई !
आपकी पछली पोस्ट्स भी देखी , सुंदर भावनाओं के साथ मानवीयता को साकार करती आपकी संक्षिप्त रचनाएं बहुत पसंद आईं …

शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राजेन्द्र स्वर्णकार जी..!!