Wednesday, December 1, 2010

'स्वप्न..'



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"कभी हौले से..कभी तेज़ क़दमों से..
आहट होती है..तेरे मुस्कुराने से..

स्वप्न मिश्री-से सफ़ेद हो जाते..काश...!!"


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4 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

प्रियंका जी,
नमस्ते!
खूबसूरत!
आशीष
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नौकरी इज़ नौकरी!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद आशीष जी..!!

Omi said...

triveni!!!!!!!!!!!!!!!!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद ओमी दादा.!!