Thursday, May 26, 2011

'साँसों का ठिकाना..'




...


"वक़्त की किल्लत..
जज़्बातों का आशियाना..
सजा खूब..
रंज़ो-शामियाना..
क्यूँ गुमां करता..
ए-वाईज़..
जब नहीं..
साँसों का ठिकाना..!!!"


...

12 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय कुमार चौरसिया said...

seemit shabdon main sundar

Sunil Kumar said...

बहुत खूब! क्या बात है, मुबारक हो

विभूति" said...

bhut khub...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
अच्छी क्षणिका है!

Amit Chandra said...

बहुत खुब। शानदार।

Shikha Kaushik said...

वाह ! बहुत खूब ,

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय कुमार चौरसिया जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद मयंक साहब..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद एहसास जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!