Thursday, June 23, 2011

'तारों की निशानियाँ..'



...


"सुना था..

होतीं हैं..
परियों की कहानियाँ..

देखा तो..
याद आयीं रवानियाँ..

गुनगुनाती हुई..
मुस्कुराती हुई जवानियाँ..

क्या मिलती हैं..
अब तलक..

बादलों को ओढ़े..
तारों की निशानियाँ..!"


...

0 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..: