Tuesday, June 28, 2011

'ले चलो..'






...


"ले चलो..
ना..
एक बार..
फिर..
उस ढाणी..

बसती है..
जहाँ..
उजली सुबह..
चमकीली सांझ..
दूर फैली हरियाली..
और..
तेरे गालों की लाली..!!!"


...

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