Tuesday, July 19, 2011

'दास्तान-ए-दर्द..'





...


"दास्तान-ए-दर्द..
लपेट रखा था..
जिस संदूक..
जंग खा गया..
हसरतों का पानी..
और..
मन्नतों की रवानी..!!!"


...

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) said...

jang kha gaya..... bahut khub....

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद वन्दना महतो जी..!!