Saturday, July 30, 2011

'जश्न-ए-बेवफाई..'





हमारी ऑनलाइन मित्र..'दी' की एक रचना पढ़ कर..बरबस ही यह शब्द उभर आये..!!!

आपके लिये..'दी'..



...


"जश्न-ए-बेवफाई..
मुश्किल ना था..
जो ना गुज़र सका..
साहिल ही था..

बैठ आगोश..
देखे होंगे सपने बेशुमार..
अपना बना ना सका..
उसे बता ना सका..

खरोंचती है..
खुदाई बहुत..

काश..
ना निभाता..
वादे की वो कसम..
ना उठाता..
राज़ से नक़ाब..

बेहतर होता..
बेवफ़ा ही कहते..
वाईज़..!!"

...

11 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

विभूति" said...

बहुत ही खुबसूरत....

सागर said...

bhaut hi sunder panktiya...

Nidhi said...

इज्ज़त अफ्जाई का शुक्रिया...प्रियंका .मेरे लिखे से तुम्हारा लिखा कहीं बेहतर है...ढेर सारा प्यार,तुम्हें...ऐसा ही लिखती रहो.

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सागर जी..!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दी..!!

आप यूँ ही स्नेह-रस बरसाते रहिये..!!! और रही बात..आपसे अच्छा लिखने की..आप आदरणीया हैं मेरे लिये..मेरी गुरु..!!!

बस अपनी आँचल की छाँव में यूँ ही रखियेगा..!!

रेखा said...

बहुत सुन्दर रचना ..

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद रेखा जी..!!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत रचना

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संगीता आंटी..!!