Monday, August 22, 2011

'खलिश..'




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"चाँद सिफारिश करे तो क्या..
वादियाँ वजूद बिखेरे तो क्या..

काँटों की खलिश..कोई कैसे जाने..!!!"

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13 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Rakesh Kumar said...

अब क्या कहें आपकी इस प्रस्तुति के लिए.
शब्द मौन हो रहे हैं.

जन्माष्टमी के पावन पर्व की शुभकामनाएँ.

समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

विभूति" said...

बहुत ही सुन्दर....

priyankaabhilaashi said...

धनयवाद राकेश कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!

संजय भास्‍कर said...

excellent write!

prerna argal said...

/शब्द्विहीन कर दिया आपकी रचना ने /बहुत ही कम शब्दों मे लिखी गहनाभिब्यक्ति /बहुत बधाई आपको /




PLEASE visit my blog.
www.prernaargal.blogspot.com thanks

Amrita Tanmay said...

गजब

Minakshi Pant said...

बहुत खूब दोस्त जी :)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद प्रेरणा अर्गल जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद अमृता तन्मय जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद मीनाक्षी पंत जी..!!

Udan Tashtari said...

सुन्दर...