Thursday, October 13, 2011

'सहारा..'


आपको समर्पित...'दी'..

...


"दिखाया रास्ता..
जब कोई नहीं था..
दिया सहारा..
जब दिया नहीं था..
आपसे रौशन है..
अंतर्मन का आँगन..
सुशोभित हुआ..
जीवन का आँचल..!!"


...

6 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Nidhi said...

कोई किसी का सहारा भी तभी बनता है...जब ऊपर वाला ऐसा चाह्ता है...हर कोई खुदा का ही एक जरिया होता है मदद पहुंचाने का ...

विभूति" said...

बहुत ही खुबसूरत पंक्तिया.....

M VERMA said...

यह सहारा बरकरार रहे ...
खूबसूरत भाव

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दी..!!

SAJAN.AAWARA said...

wahhhhhhhhh beautiful creation
jai hind jai bharat

सागर said...

sundar....