Thursday, December 8, 2011

'बही-खाते..'



...


"हर बात भूल जाया करो..
सुनो ना..
मेरे महबूब..

जाने दो ना..
ये बही-खाते..

अज़ीज़ हैं बहुत..मुझे..
दिल के ये ज़बरन कब्जे..!!!"

...

20 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

nice

Rakesh Kumar said...

वाह! दिल की जबरन कब्जे.
क्या बात होले से कह देती हैं आप
असर जिसका गहरा होता है.

मेरे ब्लॉग पर आप काफी समय से नही आयीं हैं ,प्रियंकाभिलाषी जी.क्या मुझसे कोई गल्ती हुई है?

Nidhi said...

बही खाते ...ये सब बेकार की चीज़ें ही तो हैं...
दिल की बातें जहां हो...प्यार भरी मुलाकातें जहां हो...नशे में डूबी रातें जहां हो....वहाँ इस हिसाब किताब का क्या काम??????

Rajesh Kumari said...

bahut khoob.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बही खातों में खो गयी

***Punam*** said...

लेकिन नहीं भूल पाते..
प्यार का दम भरने वाले जब खुद ही प्यार का हिसाब-किताब करने बैठ जाये....तब दिल के कब्जे नाजायज़ लगने लगते हैं..

दीपशिखा वर्मा / DEEPSHIKHA VERMA said...

हर बात भूल के प्यार कैसे होगा प्रियंका :)
प्यारा लिखा है आपने.

kshama said...

Bahut pyaree rachana hai!

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

क्या बात है... बहुत खूब...
सादर..

Mamta Bajpai said...

क्या बात है ..बहुत बढिया

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद चन्द्र भूषण मिश्र 'गाफिल' जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राकेश कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संगीता आंटी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद पूनम जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दीपशिखा वर्मा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद क्षमा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय मिश्रा 'हबीब' जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद ममता बाजपाई जी..!!