Friday, March 9, 2012

'अल्फ़ाज़..'

...

"अल्फ़ाज़ बहुत भारी थे..
तेरी आँखों के..
समंदर भी कम रहा..
समेटने की चाहत में..!!"



...

7 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

RITU BANSAL said...

बहुत सुन्दर ..!

रश्मि प्रभा... said...

waah

Yashwant R. B. Mathur said...

बेहतरीन।

सादर

Anonymous said...

bahut khoob ..ummdaa

दिगम्बर नासवा said...

क्या बात है ... लाजवाब ...

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर.........

Nidhi said...

कई बार होता है यूँ भी....जीवन में.