Sunday, June 24, 2012

'प्रेम-पत्र..'





...


"प्रिये,
जाते-जाते इक बहुमूल्य उपहार रख जा रहा हूँ..
बिछौने के नज़दीक दराज़ में..
विगत वर्षों के..
स्नेह-मिलाप के रस से सरोबार..
माधुर्य की चादर ओढ़े..
प्रेम-पत्र..
देखो, तनिक भी सिलवट न आये..
सम्बन्ध-विच्छेद में..
अक्सर..
गुड़-सी मीठी स्मृतियाँ..
अंतर्मन की दीवारें खट्टी कर जाती हैं.!!!"


...

10 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

M VERMA said...

बहुत खूब
फिर सम्बन्ध विच्छेद ही क्यों

कमल कुमार सिंह (नारद ) said...

बहुत सुन्दर

Anonymous said...

bahut badhia

Nidhi said...

बीते हुए सुख की स्मृतियाँ भी दुःख ही देती हैं

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद एम वर्मा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद रश्मि प्रभा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राजेश कुमारी जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद कमल कुमार सिंह(नारद) जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद चिराग जोशी जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दी..!!