Monday, September 24, 2012

'तुम्हारा प्यार..'




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"तुम्हारा प्यार..
एकदम जिद्दी..
बिलकुल मुसलाधार बारिश जैसा..
कितना ही बचने की कोशिश करो..
भिगो जाता है..
रूह की सतह तक..!!"

...


7 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Nidhi said...

प्यार जिद्दी न हो..तो मज़ा कहाँ

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुंदर ....

रीत जाता है .... की जगह यदि भिगो जाता है होता तो शायद ज्यादा सुंदर भाव बनाते .... बचाने की कोशिश के बाद तो भीगना ही बनाता है न

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संगीता आंटी..

यूँ ही आपका मार्गदर्शन मिलता रहे..!! अभी ठीक करती हूँ..!

Madhuresh said...

Wah! Sundar!! :)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद मधुरेष जी..!!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

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क्या बात है इसे कहते हैं गागर में सागर !
बहुत बहुत ख़ूबसूरत कविता के लिए बधाई !!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राजेन्द्र स्वर्णकार जी..!!