Monday, January 7, 2013

'सदा..'





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"बेआबरू हो चली आज फिर रूह से अपनी..
तुम्हारी सदा गूंजती रही..शब भर..!!"

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1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत ख़ूब वाह!