Monday, July 22, 2013

'आदरणीय गुरुजनों को कोटि-कोटि नमन..'



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गुरुजन समक्ष कृतज्ञता ही प्रेषित कर सकती हूँ..!! उनका सार और ज्ञान ही जीवन-रुपी नदिया पार करता है..!!!

आज की अनूठी जीवन-प्रक्रिया में आश्चर्यजनक कहानी बनतीं हैं..वैसा ही अद्भुत ज्ञान हर राह पर बहता मिल जाएगा..परन्तु सत्य और सर्वोत्कृष्ट ज्ञान कठिन तपस्या, अनुशासित समर्पण और अभ्यास..परम आदरणीय गुरुजनों से ही प्राप्त होता है..!!

"अहो! अहो! श्री सद्गुरु..
करुणासिंधु अपार..
आ पामर पर प्रभु कर्यो..
अहो! अहो! उपकार..!!"..

"ते जिज्ञासु जीवने..
थाय सद्गुरुबोध..
तो पामे समकितने..
वरते अंतरशोध..!!"

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-- परम कृपालु आदरणीय गुरुजनों को कोटि-कोटि नमन..!!

1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

दिगम्बर नासवा said...

नमन गुरु चरणों में ...