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"पर्वाधिराज पर्युषण जी के आगमन पर मन सदैव उल्लासित रहता है..अनंत-काल से एकत्रित अष्ट-कर्मों को क्षय करने का सु-अवसर मिलता है..!!! और समापन पर एक विशेष उपहार--'संवात्सरिक प्रतिकमण' करके समस्त प्राणी-मात्र से क्षमा माँगने का दुर्लभ संयोग, जो अन्य दिवसों में संभव नहीं..
चौरासी लाख जीव-योनियों से हाथ जोड़कर मन-वचन-काया द्वारा हुई अनगिनत त्रुटियों के लिए क्षमा-याचना करते हैं..खमत-खामना..!!!"
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2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
मंगल शुभ कामनाएं .....पर्यूषण पर्व की....
साभार.....
आपको भी ढेरों शुभकामनायें अदिति पूनम जी..
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