Friday, October 18, 2013

'वीकैंड मेनिया..'





...


"क्या तुमने सुनी हैं मेरी धड़कनें कभी..
सुलगे हो अंगारों की सेज पे कभी..
दहाड़े मार-मार रोये हो कभी..
रात भर ख़त लिखते-मिटाते रहे हो कभी..

नहीं न..

फिर तुम समझ नहीं सकते..

मेरी रूह की गहराई..
मेरी इबादत का जुनूं..
मेरे जिस्म के निशां..
मेरे पोरों की गर्माहट..

जाओ..

और भी हैं..
महफ़िल में तुम्हारे..

इक हम नहीं..
तो गम नहीं..!!"

...

--वीकैंड मेनिया..

11 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 20/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!

अरुन अनन्त said...

नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (20-10-2013) के चर्चामंच - 1404 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

priyankaabhilaashi said...


धन्यवाद यशवंत जी..

सादर आभार..!!!

priyankaabhilaashi said...


धन्यवाद अरुन शर्मा अनन्त जी..

सादर आभार..

संजय भास्‍कर said...

बहुत रोचक और सुन्दर अंदाज में लिखी गई रचना .....आभार

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राजीव कुमार झा जी..!!

Unknown said...

बेहद उम्दा प्रस्तुति |

आइये, कीजिये:- "झारखण्ड की सैर"

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद प्रदीप कुमार साहनी जी..!!

Guzarish said...

नमस्कार !
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [28.10.2013]
चर्चामंच 1412 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें |
सादर
सरिता भाटिया

priyankaabhilaashi said...


धन्यवाद सरिता भाटिया जी..

सादर आभार..!!