Thursday, November 28, 2013

'दर्द के स्याह प्याले..'




...

"मन बहुत उदास है आज..
तुम जो नहीं हो पास..

फ़रक अब होता नहीं..
तंज़ कोई कसता नहीं..

चली जाऊँगी दिल से..
ना ढूँढना हर तिल में..

न आओगे जानती हूँ..
सताया है..मानती हूँ..

न आये पैग़ाम समझ लेना..
किस्सा हुआ तमाम जान लेना..!!!"

...

--दर्द के स्याह प्याले..

1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद शेखर सुमन जी..!!

सादर आभार..!!