Sunday, December 22, 2013

'स्याह दूरियां..'







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"जब-जब WhatsApp पर कोई मैसेज आता है.. वो पल आँखों में कितने सपने सजा जाता है..!! याद है न--'एक सौ सोलह चाँद की रातें..'....'एक तुम्हारे काँधे का तिल..'...

उसी काले तिल का एहसास..तुम्हारी छुअन का वो खूबसूरत लम्हा..रूह को तड़पा जाता है..!!"

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--स्याह दूरियां..बेबस आसमां..

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Misra Raahul said...

प्रियंका जी आप कम शब्दो मे ही काफी एहसास पिरो देती....और होंठ से बस एक ही आवाज़ आती वाह....!!!
कभी पधारिए हमारे ब्लॉग पर भी.....
नयी रचना
"फ़लक की एक्सरे प्लेट"
आभार

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राहुल मिश्रा जी..!!