Monday, December 22, 2014

'सीले हुए फ़ाहे..'





#‎जां‬


...

" इन बेवज़ह मौसमी बरसातों से..
आसमां की परतें खुलने लगी हैं..

जिस्म के अलाव से..
ढक आते हैं..
सीले हुए फ़ाहे..!!"

...

--मेरी ज़िन्दगी..

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