Monday, July 28, 2014
'दीदार-ए-य़ार..'
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"सितारों की रंगत..तुझसे..
हुस्न की सलामती..तुझसे..
रूह की साँसें..तुझसे..
यादों की पुरवाई..तुझसे..
धुआँ उठने की दुआ माँगो..
यारों..
दीदार-ए-य़ार..
कहाँ सबका नसीब..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/28/2014 10:07:00 AM
11
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रूमानियत..
Sunday, July 27, 2014
'उथल-पुथल..'
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"तेरी स्मृतियों के चिन्ह यथावत हैं..
उथल-पुथल कितनी भी हो..भीतर..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/27/2014 08:10:00 AM
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स्मृति..
Sunday, July 20, 2014
'धूप..'
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"मेरे हिस्से की धूप..तेरे नाम लिख दी..!! साँसों में तैरती ख़ुशबू..जां के नाम लिख दी..!!"
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--यूँ ही बेवज़ह..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/20/2014 10:08:00 AM
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बेबाक हरारत..
'मेरे रंगरेज़..'
#जां
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"कोई रंगना तुझसे सीखे..ए-मेरे रंगरेज़..!! जब से जुड़ा है मेरी रूह का वो इक रेशा..मैं तेरे रंग की गाढ़ी चाशनी में लिपटता जाता हूँ..!!
आओ..किसी शब..रंगत गहराने..!!"
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--बारिश में रंग और भी पक्का हो जाता है न.
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priyankaabhilaashi
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7/20/2014 09:24:00 AM
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रूमानियत..
Thursday, July 10, 2014
'गाथा..'
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"जीवन की अपनी परिभाषा है...हम कभी सुलझा लेते हैं अपनी गाथा...कभी उलझ जाते हैं दोहे..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/10/2014 11:57:00 AM
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ज़िन्दगी..
Friday, July 4, 2014
'माँ..'
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"पा प्रकाश..तुमसे..
पोषित होता जाता हूँ..
खिल जाते हैं..
भीतर के पुष्प..
माँ..
तुम तरु हो..
मेरा सामर्थ्य..
मेरी शक्ति..
मेरा ज्ञान..
मेरे मूल्य..
मेरा संसार..
तुम ही हो..
मेरा जीवन..!!
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/04/2014 11:08:00 AM
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माँ..
Wednesday, July 2, 2014
'स्वप्न..'
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"मैं हर रात जीता हूँ..
हर सुबह..मेरी मृत्यु निश्चित है..
मुझे प्राण देना..
तुम्हारा कर्तव्य और धर्म है..
मैं अंतरात्मा में पलता..
स्वप्न हूँ, वत्स..!!"
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--यथार्थ..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/02/2014 10:00:00 AM
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अंतर्मन की पुकार..
Tuesday, July 1, 2014
'जां..'
#जां
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"आज डॉक्टर्स डे है.. मेरी शिराओं में तेरी वफ़ा..दिल में तेरी मोहब्बत..दिमाग में तेरे ख्याल.. कणिका में तेरी धड़कन..!!!!
वैसे, आप तो यूँ भी मेरे डॉक्टर हैं..और सच में भी डॉक्टर.. "
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/01/2014 10:57:00 AM
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रूमानियत..
'गुज़ारिश..'
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"बह जाने की गुज़ारिश न कर..
कम होते हैं..यूँ रुलाने वाले..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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7/01/2014 09:33:00 AM
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ज्वलनशील-कथन..