Wednesday, January 7, 2015

'मुहब्बत की पतंग..'



#जां

...

"इतने दिनों बाद..इतनी तनहा रातों के बाद..इक शाम तेरी गिरफ़्त में..<3

बह जाऊँ..या बहक जाऊँ..
तेरी छुअन से महक जाऊँ..!!

यूँ ही गले पड़े रहूँगी..साँसों की डोर पे अटकी है तेरी मुहब्बत की पतंग जब तक..!!"

...

--मेरे दूज के चाँद..<3 <3

5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Renu Vyas said...

Beautiful words and expressions of love :)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद R Vyas जी..!!

संजय भास्‍कर said...

खट्टी-मीठी यादों से भरे साल के गुजरने पर दुख तो होता है पर नया साल कई उमंग और उत्साह के साथ दस्तक देगा ऐसी उम्मीद है। नवर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर..!!

आपको भी बहुत-बहुत शुभकामनायें..!!

वाणी गीत said...

बहकी भावनाओं की संतुलित प्रस्तुति !