Wednesday, February 11, 2015

'रेडियल स्टार्ज़..'



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"डायरी..पैन..कॉफ़ी मग..पास बुक..चैक बुक..मोबाइल.. जिस्म की थकान..रूह के टुकड़े..क़ैद हैं लफ़्ज़ों के पलंग पर..

लैपटॉप की कीज़..और माउस.. और हाँ.. जाड़े की सौगात..रजाई भी.. सब बिखरे पड़े हैं..तेरी याद में..

जब-जब भेजता हूँ..व्हाटसएप पर मैसेज..एक सैडी फेस भी भेज देता हूँ..और तुम कहते हो, 'क्या हर वक़्त..ये रोन्तोरू स्टीकर ही भेजते हो..!!'...

वो क्या जानें..दर्द मेरा..'तुम बिन जाऊँ कहाँ..'

थकी आँखों का पानी..स्लगिश एनर्जी..टॉर्नड एमोशंज़.. और सीलिंग पर जगमाते रेडियल स्टार्ज़..!!!"

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--तलब-ए-ज़िंदगी..

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Parul Chandra said...

Kaash koi samajh pata...

priyankaabhilaashi said...

जी पारुल जी..काश..

सादर आभार..!!