Saturday, July 18, 2015

'क्या-क्या अदा लिखूँ..'






‪#‎जां‬


...

"आज बहुत दिनों बाद सोचा..कुछ लिख भेजूँ..

चाँद लिखूँ..ख्व़ाब लिखूँ..
तारें लिखूँ..रूआब लिखूँ..

कहो न..जां..

बेताबी लिखूँ..हरारत लिखूँ..
जुम्बिश लिखूँ..शरारत लिखूँ..

सुनो न..जां..

गिरफ़्त लिखूँ..अलाव लिखूँ..
सिलवटें लिखूँ..सैलाब लिखूँ..

रुको न..जां..

फ़साना लिखूँ..साज़िश लिखूँ..
बंदिश लिखूँ..नवाज़िश लिखूँ..

देखो न..जां..

क़ायदा लिखूँ..इबादत लिखूँ..
तसव्वुफ़ लिखूँ..नज़ाकत लिखूँ..

तुम ही बताओ न..जां..
अंजुमन में..शिद्दत से..
क्या-क्या अदा लिखूँ..!!"

...

--इशारा-ए-इश्क़..

3 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Parul Chandra said...

Waah kyaa kehne...

priyankaabhilaashi said...

पारुल जी..:) शुक्रिया..

Unknown said...

*सुन्दर *