Saturday, November 28, 2015

'एहसासों का एहसान..'





#‎जां‬

...

"कितना कुछ था कहने को..
इस धूप-छाँव के खेल में..

वो लंबे 'पौज़ेज़'..
वो तुम्हारी साँसों का दख़ल..
मेरी रूह का 'फ़ूड फॉर थॉट'..

वो तनहा रातों पे..
कब्ज़ा तुम्हारा..

उन बेशुमार एहसासों का एहसान..
शुक्रिया कहूँ तो..
'कोई एहसान नहीं किया..मैंने'..

कैसे करते हो..
सब कुछ मैनेज..
मेरे लिए तो..
हर वक़्त अवेलेबल..

सुना है..
रिलायंस का नया ऑफर..
'अनलिमिटेड कालिंग' दे रहा है..
ले लूँ फ़िर..
ये कभी न थमने वाला गैजेट..

मेरे दिल से तेरे दिल के..
नाते कुछ पुराने हैं..
डिस्टेंस से कम न हुए..
मोहब्बत के फ़साने हैं..!!"

...

--एहसास प्यार वाले..

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संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

गज़ब के फ़साने हैं .... खूबसूरत एहसास .

priyankaabhilaashi said...

हार्दिक धन्यवाद..संगीता आंटी..!!