Tuesday, April 26, 2011

'ह्रदय-संचालन..'



...


"क्या नियम..
क्या अनुशासन..
थमा दी..
ह्रदय-संचालन की..
बागडोर तुम्हें..
जब..
प्रियवर..
संवरूँ या बिखरूँ..
तुम्हारी अभिलाषी..!!!"


...

5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Er. सत्यम शिवम said...

क्या बात है..ह्रदय तक पहुँची ये पंक्तियाँ।

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत बढ़िया.

संजय भास्‍कर said...

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सत्यम शिवम जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!