Thursday, July 25, 2013

'ज्ञान..'




...


"कंकर बहुत थे राह में..
सो जूते पहन लिए..
जब थक गए वो थपेड़ों से..
हमने कंधे पे लाद लिए..

अब जिद करते हैं सुबह-शाम..
चाहिए पुराना मुकाम..
यूँ मिलता नहीं..स्मरण रहे..
पूजनीय गुरूजी से ज्ञान..!!"

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2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

skashliwal said...

~ naman ~

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुरेन्द्र जैन जी..!!