Sunday, June 15, 2014

जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें..



कोई अपना नहीं होते हुए भी..कितना अपना हो जाता है..
गहराई से भीतर तक जड़ें फैला जाता है..



पलाश के घरोंदे..
गुलमोहर के टीले..
यूँ ही मुस्कुराते रहे..
मौसम रंग-रंगीले..!!

...

"रिश्तों को नाम देने की ज़रूरत नहीं..
ज़िन्दगी को ख्वाहिशों की ज़रूरत नहीं..
आप रहे यूँ ही आसपास जब..हर पल..
मुझे ख़ुदको समेटने की ज़रूरत नहीं..!!"

...

आपके आलिंगन से महकता रहे..हर दरख्त ख़ुशी का..
पैमाना आपसे नापे..जीवन अपने अस्तित्व का.. :-)


--एक ऐसे ही प्यारे मित्र..और प्यारी तरुणा दी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें..

4 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Yashwant R. B. Mathur said...

तरुणा दी को हमारी ओर से भी जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो।

सादर

संजय भास्‍कर said...

जज्बातों को क्या खूब लफ्जों में पिरोया है
...तरुणा दी को जन्मदिन मुबारक हो।

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत जी..(तरुणा दी की तरफ से भी!)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय जी..!! सादर आभार...