Wednesday, April 29, 2015

'इज़ाज़त..'




...

"जां..

तेरी ख़ुशी की लकीर..साँसों से लिख दूँ.. इज़ाज़त है..??
तेरी आँखों की कशिश..बोसे से चख़ दूँ..इज़ाज़त है..??
तेरी रूह की तपिश..पोर से मढ़ दूँ..इज़ाज़त है..??

बोलो न..‪#‎जां‬..
तेरी बाँहों में..इबादत एक और रच दूँ..इज़ाज़त है..??"

...

--ज़वाब के इंतज़ार में..

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

शिव राज शर्मा said...

Sundar aur gehri abhivyakti

priyankaabhilaashi said...

हार्दिक धन्यवाद..शिव राज शर्मा जी..!!