Monday, October 15, 2018
'थॉट्स का मूवमेंट..'
...
"जब थॉट्स का मूवमेंट किसी भी डायरेक्शन में होने लगे, समझना चाहिए कि खतरनाक स्टंट का प्रोग्राम लिखा है आगे..
मेरी डायरी बिल्कुल बदल चुकी है..आँखों की चमक थॉट्स की प्रोसेसिंग से तेज़ है..!! मेरे चेहरे की गर्द आभा और मिशन तक पहुँचने की एकाकी मुश्किलें, सब पिघलने लगीं हैं!
मुझे तुमसे मुहब्बत है तो क्या, तुम मेरे गाइड और मेंटॉर भी हो!!"
...
--#जां
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
10/15/2018 09:33:00 AM
6
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
जां
'मेरी आयतों का गुमां..'
...
"तुम मेरे अंतर्मन को सींचते हो उस घूँट से, जो लिखा था दर्द की रात में..
तुम प्रेम की तरह इश्क़ पर परत चढ़ाते हो पराली की, जिसे जलना ही होगा इस मर्तबा भी..
तुम सितारों को ढालते हो उन निष्ठुर कठोर साँचों में, जहाँ मोल छालों का लगता है..
तुम मेरे रुआब को पैना करते हो उस कैफ़ियत से, जहाँ सामान मकां हो जाता है..
तुम मेरे तिलिस्म का सच हो..
तुम मेरी रुबाई का फाया हो..
तुम मेरे अल्फ़ाज़ का जिस्म हो..
तुम मेरी आयतों का गुमां हो..
तुम दिलबर हो..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
10/15/2018 09:19:00 AM
0
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
रूमानियत..
Friday, February 2, 2018
'अश्क़-ए-प्याले..'
...
"दोस्त थे जो..
आज कतराते हैं..
मर्ज़ पुराने..
चलो, सहलाते हैं..
कौन समझे..
दर्द मेरा..
कहाँ कोई..
रहा सवेरा..
यादें जवां..
साथ रखना..
मोहब्बत रवां..
बेमौसम चखना..
भुलाऊँ कैसे..
अश्क़-ए-प्याले..
मेरे अपने..
उसके हवाले..
दुआ माँगू..
पल-पल..
रहना खुशदिल..
कोई हलचल..!!"
...
--#दर्द कैसे-कैसे..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
2/02/2018 09:46:00 AM
3
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
दोस्ती..
Monday, January 22, 2018
'सिलवटें..'
...
"माँगा होता..
काश तुमने..
मोहब्बत का सफहा कोई..
भेज देता..
पोर का एहसास वहीं..
सिलवटें उलझतीं थीं..
छुअन को अपनी..
'जानां' जब आ गया..
जुबां पे तुम्हारे..
कहो..कैसे छोड़ दूँ..
ख़लिश सिरहाने..
वज़ूद चाहे 'नाम' अपना..
क्या इरादा इस 'शाम' सजना..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
1/22/2018 10:14:00 AM
6
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
बेबाक हरारत..