Wednesday, August 24, 2011
'आँखें..'
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"हर नफ्ज़ लुभाती आँखें..
रूह से पर्दा उठाती आँखें..
ता-उम्र..तन्हा ही रहीं आँखें..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/24/2011 08:02:00 AM
10
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त्रिवेणी..
Tuesday, August 23, 2011
'चाँद..'
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"हसीं रातों के साये..
रेशमी जुल्फों के पाये..
शर्माता रहा..अपने आँगन..!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/23/2011 07:32:00 AM
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त्रिवेणी..
'वफ़ा का वादा..'
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"थाम लेना दामन..
टूटे मन की डोर..
जब कभी..
मँहगा है..
वफ़ा का वादा भी..
इन दिनों..!!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/23/2011 06:50:00 AM
9
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ज़िन्दगी..
Monday, August 22, 2011
'खलिश..'
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"चाँद सिफारिश करे तो क्या..
वादियाँ वजूद बिखेरे तो क्या..
काँटों की खलिश..कोई कैसे जाने..!!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/22/2011 09:41:00 AM
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त्रिवेणी..
Saturday, August 20, 2011
'महफ़िल-ए-संग..'
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"टकराती है..
महफ़िल-ए-संग से..
यादों के साये..
यूँ ही नहीं मिलते..
साहिल पे शंख..
हर रोज़..!!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/20/2011 01:36:00 AM
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बेज़ुबां ज़ख्म..
Wednesday, August 17, 2011
'फ़साना..'
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"तन्हाई की कद्र जाने ना कोई..
लुटा जब-जब पहने हिजाब कई..
क्या समझेगा मेरा फ़साना कोई..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/17/2011 05:50:00 AM
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Tuesday, August 16, 2011
'इश्क-ए-गुबार..'
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"इश्क-ए-गुबार..जाने ना महबूब..
जिस रोज़ भूले क़यामत हुई..१..
बसे हो रूह में बन के धड़कन..
जिस रोज़ खिले नजाकत हुई..२..
आलम-ए-तन्हाई क्या जाने रकीब..
जिस रोज़ धूले बगावत हुई..३..
गम की आँधी चलती है तेज़ बहुत..
जिस रोज़ *जिले शरारत हुई..४..
दिखा दूं हूनर ना घबराना..वाईज़..
जिस रोज़ मिले हिमाकत हुई..५..!!"
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*जिले = जले
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priyankaabhilaashi
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8/16/2011 03:53:00 AM
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ग़ज़ल..
Thursday, August 11, 2011
'अरमानों के वरक..'
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"यादों के पन्ने..
अरमानों के वरक..
चाहत की तह..
अल्फ़ाज़ पिरोती नज़्म..
दफ़्न तहख़ाने..
कसमसाती आहें..
उफ़..
ना देखो ऐसे..
दगाबाज़ निगाहों के सरताज..
चुरा ले जाते हो..
दिल का चैन..
शब से करार..!!!"
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priyankaabhilaashi
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8/11/2011 08:28:00 AM
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रूमानियत..
'बारिश के माणिक..'
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"भेजे हैं कुछ..
बारिश के माणिक..
जज़्बातों को लपेट..
अरमानों को सहेज..
यादों की निबोरी..
मासूमियत की लोरी..
मिलते ही डाक..
पत्र लौटाना..
और..
हाँ..
ना करना नुमाइश..
कि हँसे ज़माना..!!"
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priyankaabhilaashi
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8/11/2011 05:07:00 AM
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रूमानियत..
'फितरत..'
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"माना कि मुश्किलें कम ना होंगी..
हार के बैठ जायें..
ऐसी फितरत नहीं..!!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/11/2011 03:51:00 AM
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प्रेरणादायी सन्देश..
Wednesday, August 10, 2011
'सपने..'
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"तेरी छुअन से..
सपने बरसते हैं..
मेरे आँगन..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/10/2011 08:24:00 AM
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रूमानियत..
Monday, August 8, 2011
' लज्ज़त-ए-सुकून..'
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"क्यूँ करें शिकायत कोई..
मोहब्बत जिनका जुनूं हो..
रगों में दौड़ता एहसास..
लफ़्ज़ों में लज्ज़त-ए-सुकून हो..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/08/2011 12:11:00 AM
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रूमानियत..
Friday, August 5, 2011
'इश्तिहार..'
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"क्या खूब अंदाज़-ए-बयान हुआ..
मैं हर ओर नीलाम हुआ..
गुज़रा जब माज़ी की गली..
रूह, जज़्बात, इश्तिहार आम हुआ..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/05/2011 10:10:00 PM
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रूमानियत..
Thursday, August 4, 2011
'मेरे कश्मीरी गुलाब..'
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"जिस्म लुभाती नहीं..
तेरी अदाएँ..
जा..
ढूँढ ला..
कोई माज़ी..
लुटा सके..
जो..
रातों की जवानी..
दिन की नादानी..
शाम की रवानी..
और..
हाँ..
लेते जाना..
अपनी खुशबू पुरानी..
मेरे कश्मीरी गुलाब..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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8/04/2011 09:11:00 AM
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रूमानियत..