Monday, January 1, 2024

खत और आप..


Words Credit : प्यारे दोस्त को..
Photo Credit : अपना दूरभाष यंत्र..

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"प्यारे साहेब,

इन दिनों आपको पत्र लिखने का संयोग संभव न हो सका, मन ही दृढ़ नहीं होगा अन्यथा राही को डगर ज्ञात न हो, ऐसा होता है क्या?

आपका 'होना' जैसे प्रेरणा-पुंज, जब चाहें खोज लें परिस्थिति अनुसार 'पथ और पाठ'...

आपका 'अनुभव' जैसे मेरे लिए उपहार, जब चाहें मिलते 'उदाहरण हज़ार'..

आपका 'अपनत्व' जैसे प्रवाह, जब चाहें बहने दें भीतर के प्रमाद..

आपका 'स्नेह' जैसे मोतियों का हार, जब चाहें पहन सहेजें संबंध प्रगाढ़..

आपका 'उत्तर' जैसे नदी की धार, जब चाहें टटोलें स्वयं की झंकार..

आपकी 'सलाह' जैसे पुष्प हरसिंगार, जब चाहें मन सुवासित अपार.. 

शुक्रिया यूँ होने का!😍"

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--#खत 2024 का.. पहला-पहला.. ☺️