Wednesday, February 25, 2015

'खैरियत कैफ़ियत वाली..'






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"रंगों के अपने रंग दिखने लगे..
मुहब्बत हमसे रक़ीब करने लगे..१..

चाहत उल्फ़त को थी..थोड़ी ज्यादा..
जिस्म पे..रूह के निशां मंजने लगे..२..

खैरियत कैफ़ियत वाली..जुदा रहे..
नक़ाब चेहरे पे..हबीबों के लगने लगे..३..

कम लिखता हूँ..हाले-दिल..बारहां..
आमद क़द्रदानों की..कूचे सजने लगे..४..!!"

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--नशा-ए-वीकेंड..

Saturday, February 21, 2015

'वीकेंड-सेलिब्रेशन..'




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"साँसे बेक़ाबू-सी..
रूह आउट ऑफ़ आर्डर..

बिखरे दस्तावेज़..
सिमटे नोट्स..

लेज़ी वाच..
मनमौजी ग्लास्सेज़..

सबका अपना-अपना मिज़ाज़ है..
वैसे..
वीकेंड का मंज़र..
बहुत प्राईसी होता है..

नीट ही करता और करवाता है..
ज़ुल्म सारे..!!"

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--वीकेंड-सेलिब्रेशन बिगिंस..grin emoticon

Sunday, February 15, 2015

'नक़ाब..'




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"झूठ-सच की दौड़ में भागता हूँ..रोज़ सुबह..
छल-कपट के पहाड़े गुनता हूँ..दिन भर..

अहंकार के टारगेट्स से दमकता हूँ..शामो-सहर..!!"

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--नक़ाब पूरे वीक्स के.. साथ रखता हूँ..

Wednesday, February 11, 2015

'रेडियल स्टार्ज़..'



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"डायरी..पैन..कॉफ़ी मग..पास बुक..चैक बुक..मोबाइल.. जिस्म की थकान..रूह के टुकड़े..क़ैद हैं लफ़्ज़ों के पलंग पर..

लैपटॉप की कीज़..और माउस.. और हाँ.. जाड़े की सौगात..रजाई भी.. सब बिखरे पड़े हैं..तेरी याद में..

जब-जब भेजता हूँ..व्हाटसएप पर मैसेज..एक सैडी फेस भी भेज देता हूँ..और तुम कहते हो, 'क्या हर वक़्त..ये रोन्तोरू स्टीकर ही भेजते हो..!!'...

वो क्या जानें..दर्द मेरा..'तुम बिन जाऊँ कहाँ..'

थकी आँखों का पानी..स्लगिश एनर्जी..टॉर्नड एमोशंज़.. और सीलिंग पर जगमाते रेडियल स्टार्ज़..!!!"

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--तलब-ए-ज़िंदगी..

Sunday, February 8, 2015

'सुना है..'




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"सुना है..

दिल के दर्द..
ख़ूबसूरती से लिखते हो..

मोती अश्क़ के..
बेदर्दी से पिरोते हो..

चैन जिगर के..
वफ़ा से चखते हो..

चिराग ग़म के..
नूर से तकते हो..

क्यूँ..आखिर मुझसे..
मुहब्बत करते हो..

सुना है..

तुम सेलेब्रिटी ऑथर हो गए..
अवार्डज़ भी दो-चार पा चुके..
सोशल साइट्स पर वांटेड हो..
विमोचन-समारोह में चीफ़ गेस्ट बनते हो..

पर..
मैं अब भी..अधूरी नज्में लिखती हूँ..
उंगली को दिल से जोड़े रखती हूँ..!!"

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--सिली मी..