Friday, September 30, 2011

'आभारी हूँ..'





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"क्षण-क्षण निखरती रही..
घड़ी-घड़ी सजती रही..

स्पर्श से तुम्हारे..
हर स्वाँस चलती रही..

लक्ष्य की ओर प्रसंगित किया..
हर बाधा को पार किया..

अदम्य साहस सहारा बना..
अद्भूत शौर्य ढाल बना..

जीवन को उदेश्य मिला..
स्वप्न हर पूर्ण हुआ..

आभारी हूँ..
कृतज्ञ हूँ..
आदरणीय कलम..

तुमसे ही जीवनदान मिला..
यह अनमोल संसार मिला..!!!"


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Wednesday, September 28, 2011

'कुछ रोज़..'





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"तारीक़-ए-हयात-ए-परिंदे..
तन्हा हैं..
कुछ रोज़..!!"


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'यादों की गली..'



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"सौंधी खुशबू उड़ाती..
ख्वाब जन्नत बनाती..
गुलाबी बारिश सजाती..

यादों की गली भी ना..
बारहां..
तन्हा ही होती है..!!"


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Sunday, September 25, 2011

'बस यूँ ही कुछ लिखा है आज..'




बस यूँ ही कुछ लिखा है आज..

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"जाम-ए-उल्फत लिखा है आज..
रूह को बेगैरत लिखा है आज..१..

कहते हैं ख्वाइशों के रेले..कुछ..
बेगानों को अपना लिखा है आज..२..

कह दूं तो रंजिश होगी..ए-वाईज़..
हसरतों को पैगाम लिखा है आज..३..

साहिल हूँ वादियों का..ए-सनम..
तूने क्यूँ अपना हयात लिखा है आज..४..

सूनी है मुरादें..बारहां..मियाद लम्बी..
किस्सा नहीं बेज़ार लिखा है आज..५..

खलिश उठती है..तूफानी बस्ती..
महताब को कातिल लिखा है आज..६..!!!"


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Thursday, September 22, 2011

'सौदा..'



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"आज फिर..
सौदा होगा..

कुछ जज्बातों का..
कुछ ख्वाईशों का..
कुछ अरमानों का..

दफ़्न किये जायेंगे..
बेखुदी के दरिया कितने..
इबादत के फ़साने कितने..
रूदाद-ए-मोहब्बत कितने..

जलाये जायेंगे..
कदीम ख़त सारे..

क्यूँ लिखे थे तूने..
एहसां इतने..
बिखर रहा हूँ..
फ़क़त..
आये नहीं..
मेहरबां कोई..!!!"


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'जीवन की धार..'




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"व्यर्थ लुटाता रहा..
जीवन की धार..

लक्ष्य समीप..
ह्रदय के हार..

क्यूँ विचलित हुए..
गुण-रुपी श्रृंगार..

परिभाषा सरल..
दुर्लभ हैं संस्कार..

चहुँ ओर विचर..
ना मिले सत्कार..

चिंतन-मनन दिखलाए..
संयम सुसंस्कृत आधार..

किया जिसने ग्रहण..
हुआ भवसागर पार..!!"


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Monday, September 19, 2011

'वफ़ा के दरीचे..'



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"बेवफ़ा रहूँ..
ता-उम्र..
काफी है..

जिस्म से गिरते नहीं..
वफ़ा के दरीचे..!!"


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Saturday, September 17, 2011

'बेजुबां अल्फ़ाज़..'




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"रवां-रवां..ज़िन्दगानी..

रेज़ा-रेज़ा..जवानी..



बेजुबां अल्फ़ाज़..तन्हा-तन्हा..!!"



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Thursday, September 15, 2011

'साहिल के निशां..'




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"दफ्न कर..
साहिल के निशां..
बहा आया रश्क..
जो बाकी रहा..
ईमां था..
मेरा..!!!"


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'समर्पित जीवन..'




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"स्वयं का परिचय..
असंभव कार्य..

दिशा-निर्माण..
प्रभु-चरण-रज..

समर्पित जीवन..
कृतज्ञता का भान..

सेवामयी अभिलाषा..
हर पुस्तक का आधार..

करो स्वीकार वंदन मेरा..
सम्पूर्ण जगत के पालनहार..!!"


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Tuesday, September 13, 2011

'हिंदी दिवस..'




राजभाषा 'हिंदी' दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ..!!! देवनगरी लिपि के रचियता को सादर नमन..!!


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"तर-ब-तर मिले..
लेख पुराने..
नवीन विषयों को..
कौन खंगाले..

गुनगुनायेगी..
इतिहास-स्मृति..
नया अलाप जब..
मिलेगी समृद्ध कृति तब..

परिभाषा जीवन की जिसने जानी..
उस क्षण तुरंत लिखी कहानी..

विलक्षण रही खोज की गठरी..
चमत्कारी है 'भाषा' की उपलब्धि..

आओ..करें मिल कर नमन..
जन्मभूमि में जड़ें लगन..!!"


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Monday, September 12, 2011

'एहसां..'



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"हासिल..
मोहब्बत-ए-दयार..
एहसां ता-उम्र..
ए हम-ज़लीस..!!!"


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'ए-राही..'






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"भिन्न-भिन्न हों..
जीवन की राहें..

दुर्गम हों..
अनुभूति की दिशायें..

चलते रहना..
बढ़ते रहना..
ए-राही..

लक्ष्य के घुंघरू..
थाप से ही मचलते हैं..!!"


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Sunday, September 11, 2011

'मेरे हयात..'



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"उठी है..
टीस कोई..

जिस्म से बहते..
लफ्ज़ कई..

मोड़ सकूँ जो..
यादों का पुलिंदा..

है कसम..
मेरे हयात..

ना थामना..
लकीरों का कसीदा..!!"

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'दो पल की ज़िन्दगानी..'





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"दो पल की ज़िन्दगानी कैसी..
भीगती हुई बारिश..
तन्हा बूँद जैसी..
उछलती कूदती..
झनझनाती मचलती..
फ़क़त..
अपने कूचे पे बेगानी..!!"

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Wednesday, September 7, 2011

'बारिश की बूँदें..'






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"कुछ बारिश की बूँदें..
गीली ना होतीं काश..
थमा देती..
जज्बातों के लिहाफ..!!"


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'दुआ..'





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"कबूल होती नहीं..
दुआ..
इन दिनों..
सुना है..
डेरा जमाये बैठे हैं..
रक़ीब..
मेरे कूचे..!!!"


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'शुक्रिया..'



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"दुआ से तेरी..
खिल रहा हूँ..
इतर से तेरी..
महक रहा हूँ..
वफ़ा से तेरी..
भीग रहा हूँ..
नज़रों से तेरी..
रंग रहा हूँ..

शुक्रिया..
ए हम-ज़लीस..!!!"

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Sunday, September 4, 2011

'क्षमा-याचना..!!!'



जैन पर्वाधिराज पर्युषण के शुभ अवसर पर संवत्सरी दिवस पर ८४ लाख जीवों से मन, वचन, काया से जाने-अनजाने में हुई त्रुटि के लिये हाथ जोड़कर क्षमा-याचना करते हैं..!!!

खमत-खामना करते हैं..!!