Wednesday, September 7, 2011

'शुक्रिया..'



...


"दुआ से तेरी..
खिल रहा हूँ..
इतर से तेरी..
महक रहा हूँ..
वफ़ा से तेरी..
भीग रहा हूँ..
नज़रों से तेरी..
रंग रहा हूँ..

शुक्रिया..
ए हम-ज़लीस..!!!"

...

7 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय भास्‍कर said...

सच कहा...बहुत खूब! सुन्दर क्षणिका !

संजय भास्‍कर said...

कम शब्द, गहरे भाव... आपकी पहचान बन गई है..

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

Nidhi said...

ये तेरा ज़िक्र है या इत्र है..जब जब करता हूँ महकता हूँ...इस गाने की याद दिला दी .सुनना पडेगा,अब.
प्रियंका तुम बहुत अच्छा लिखती हो..सीधे दिल को छूता है

Udan Tashtari said...

शुक्रिया तो बनता है उनका...

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद उड़न तश्तरी जी..!!