Thursday, September 15, 2011

'साहिल के निशां..'




...


"दफ्न कर..
साहिल के निशां..
बहा आया रश्क..
जो बाकी रहा..
ईमां था..
मेरा..!!!"


...

17 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय भास्‍कर said...

ओह...लाजवाब...
भावों को कितने सुन्दर ढंग से अभिव्यक्ति दी है आपने...

मन मोह लिया...

रश्मि प्रभा... said...

waah...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर क्षणिका!

Sunil Kumar said...

लाजवाब.......

Dr (Miss) Sharad Singh said...

बहुत खूब...

विभूति" said...

वाह! बहुत खूब....

Nidhi said...

कुछ भी हो जाए इमां तो शेष बचना ही चाहिए ..बढ़िया बात कही ,प्रियंका .

सागर said...

bhaut khub....

shephali said...

ईमान गंगा में बहाने के लिए नहीं
सुन्दर अभिव्यक्ति

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद मयंक साहब..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुनील कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद डॉक्टर सिंह जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सागर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद शेफाली जी..!!

Udan Tashtari said...

कम शब्दों मे बड़ी बात...