Saturday, June 18, 2022

'अलख..'






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"कुछ लिखना चाहती हूँ.. मन के भाव.. क्या सोचते हैं, और क्या होता है.. हमसफर, दोस्त, रिश्ते, नाते, अरमान, एहसास, सबकी एक सीमा है..मियाद है..समय है..

सबको उनको गुण, गहराई, गंतव्य के साथ देखना और संभालना चाहिए.. उपयोग का मापदंड अपनाना बेहद महत्त्वपूर्ण..

यह अलख जगती रहे, आपके मन से मेरे मन तक..!!"

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