सच कहा...बहुत खूब! सुन्दर क्षणिका !
कम शब्द, गहरे भाव... आपकी पहचान बन गई है..
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!
ये तेरा ज़िक्र है या इत्र है..जब जब करता हूँ महकता हूँ...इस गाने की याद दिला दी .सुनना पडेगा,अब.प्रियंका तुम बहुत अच्छा लिखती हो..सीधे दिल को छूता है
शुक्रिया तो बनता है उनका...
धन्यवाद उड़न तश्तरी जी..!!
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सच कहा...बहुत खूब! सुन्दर क्षणिका !
कम शब्द, गहरे भाव... आपकी पहचान बन गई है..
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!
ये तेरा ज़िक्र है या इत्र है..जब जब करता हूँ महकता हूँ...इस गाने की याद दिला दी .सुनना पडेगा,अब.
प्रियंका तुम बहुत अच्छा लिखती हो..सीधे दिल को छूता है
शुक्रिया तो बनता है उनका...
धन्यवाद उड़न तश्तरी जी..!!
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