Tuesday, May 27, 2014
'मज़बूत इस्पात..'
...
"माँ का आँचल..और ममत्व..
सुनो माँ..
मैं सबसे सुरक्षित और मज़बूत इस्पात में पिघल..
करुणा और प्रेम का संचार करूँगा..
तुम थामे रखना..
हर आँधी के कण बुनूँगा..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/27/2014 09:17:00 AM
2
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
माँ..
Sunday, May 25, 2014
'प्यार का साज़..'
...
"न जाने खुद की कितनी परतें उसके नाम लिखीं.. कितने विश्वास से समर्पित किया स्वयं को..!!
उसके फ़क़त..हर मोड़ मुझे छलनी किया..उकेड़ा मेरे लहू का क़तरा-क़तरा सरे-राह.. नीलाम किया वज़ूद मेरा..मज़ाक बनाया हर मजलिस..!!
मोहब्बत के रंग थे..या..प्यार का साज़..?? बे-रंग..बे-ताल..बे-बस.. नियति है मेरी..!!"
...
--सफ़र लम्बा हो तो क्या..दर्द भी गहरे हो सकते हैं न..हर उस पल के..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/25/2014 08:55:00 PM
5
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
बेज़ुबां ज़ख्म..
Sunday, May 18, 2014
'अंतर्मन का संग्राहलय..'
...
"आज विश्व संग्राहलय दिवस है..!!
मेरे संग्रह में बसी स्मृतियाँ और अनुभूतियाँ..तुम्हारे स्पर्श से..पोषित करना चाहती हैं..अंतर्मन का संग्राहलय..!!
आओ..सहेज लो..मुझे फिर से..!!"
...
--<3 <3
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/18/2014 03:10:00 AM
2
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
रूमानियत..
Saturday, May 17, 2014
'मुस्कराहट..'
...
"मेरी मुस्कराहट के आखिरी पड़ाव.. हाँ जी..आपकी आँखों को ही संबोधित किया जा रहा है..यहाँ..!!"
...
--मस्ती-टाइम..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/17/2014 10:49:00 AM
0
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
बेबाक हरारत..
'इंतज़ार..'
...
"चीखने लगा है..मेरे अंतस का सन्नाटा.. इक फुहार तुम्हारे स्पर्श की..और उषाकाल-सा अद्भुत दृश्य..!!"
...
--इंतज़ार कब तलक..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/17/2014 10:39:00 AM
0
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
बेज़ुबां ज़ख्म..
Sunday, May 11, 2014
' माँ..'
...
"चहुँ ओर माँ के लिए संदेश..अपना वर्चस्व जमा रहे हैं.. विस्मित होना आवश्यक है..हम भारतवर्ष के निवासी..और..माँ की महिमा का बखान..अंग्रेज़ों की इच्छाशक्ति अनुसार..??
माँ को नमन करना..क्या आज ही पर्याप्त है..??"
...
--ज्ञान-चक्षु और ह्रदय-पटल की साझा योजना..
##तथाकथित अंग्रेज़ी वाला 'मदर्ज़ डे' के संदर्भ में..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/11/2014 09:42:00 AM
4
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
माँ..
Wednesday, May 7, 2014
'छुअन का दौर..'
...
"इक नाम तुम्हारा..मेरे सेलफोन पर सबसे ज्यादा शाइन करता है..!! फिर उभरता है रूह की सबसे नीचे वाली तह पर..छुअन का दौर..जैसे करंसी नोट पर महसूस होते.. ऍम्बोसड डिनोमीनेशन..!!"
...
--योर स्फीयर ऑफ़ इन्फ्लुएंस..सब जगह.. <3
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/07/2014 08:25:00 AM
3
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
रूमानियत..
Tuesday, May 6, 2014
'निखर उठा हूँ, माँ..'
...
"कल-कल बहता अविराम जल का विशाल गठबंधन.. यूँ डोर असंभव थी, महासागर के असीम वेग में.. तुम्हारा वात्सल्य से सराबोर स्पर्श.. और मैं निखर उठा हूँ, माँ..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/06/2014 01:53:00 AM
0
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
माँ..
Sunday, May 4, 2014
'खनकती कनक..'
...
"आज विश्व हास्य दिवस है.. तुम्हारी हँसी से खनकती कनक..और लज्जाता चंद्र..!! याद है न..अलाव की गर्मी का सिलवटों में सरेंडर करना और मेरे रोम-रोम का खिल जाना..!!"
...
--संडे को तुम बहुत याद आते हो..<3
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/04/2014 07:47:00 AM
2
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
रूमानियत..
Thursday, May 1, 2014
'मेरे हिस्से की मज़दूरी..'
...
"आज मज़दूर दिवस है.. मेरे हिस्से की मज़दूरी अता कर दो..जां..!! बोसे से पोर तक क़तार में हैं सब आज..!!!"
...
--रहम करिए..ए-जां..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
5/01/2014 12:12:00 PM
2
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
रूमानियत..