Friday, February 2, 2018
'अश्क़-ए-प्याले..'
...
"दोस्त थे जो..
आज कतराते हैं..
मर्ज़ पुराने..
चलो, सहलाते हैं..
कौन समझे..
दर्द मेरा..
कहाँ कोई..
रहा सवेरा..
यादें जवां..
साथ रखना..
मोहब्बत रवां..
बेमौसम चखना..
भुलाऊँ कैसे..
अश्क़-ए-प्याले..
मेरे अपने..
उसके हवाले..
दुआ माँगू..
पल-पल..
रहना खुशदिल..
कोई हलचल..!!"
...
--#दर्द कैसे-कैसे..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
2/02/2018 09:46:00 AM
3
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
दोस्ती..