![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi3dcbjA1FwRbXChz02TczagMll5LMfhnLbNT5g69dz1Nzgi8O74LCZicJyAoRUjsnMf5ojVRR64Z42_pP-Dp1H9XZHbAHIQovisg8zzKoTIBnulEu2ZOqZq3yDvsBAEYRWzFwIO9yDPwcl/s320/Diary.jpg)
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"जब थॉट्स का मूवमेंट किसी भी डायरेक्शन में होने लगे, समझना चाहिए कि खतरनाक स्टंट का प्रोग्राम लिखा है आगे..
मेरी डायरी बिल्कुल बदल चुकी है..आँखों की चमक थॉट्स की प्रोसेसिंग से तेज़ है..!! मेरे चेहरे की गर्द आभा और मिशन तक पहुँचने की एकाकी मुश्किलें, सब पिघलने लगीं हैं!
मुझे तुमसे मुहब्बत है तो क्या, तुम मेरे गाइड और मेंटॉर भी हो!!"
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--#जां
6 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-10-2018) को "विद्वानों के वाक्य" (चर्चा अंक-3127) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
https://bulletinofblog.blogspot.com/2018/10/blog-post_16.html
बहुत पसन्द आया
सादर धन्यवाद, मयंक साब..
सादर धन्यवाद, आदरणीया महोदया..
सादर धन्यवाद, संजय भास्कर जी..
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