Thursday, February 17, 2011

'अचूक उपचार है..'




...


"जीवन की सरगम..
चमक खो रहीं हैं..

स्वयं का प्रतिबिम्ब..
सुगंध बेच रहा है..

तनिक..
समीप बैठ..
ह्रदय-चाप सुनो..

घायल सैनिक-सा..
मनोबल हो रहा है..

दुर्लभ संबल..
मापदंड बुझा रहा है..

एकाकी का बाण..
लहूलुहान कर रहा है..

वाणी से निर्बलता..
मिटा जाओ..

सींच दो..
अंतर्मन का उपवन..

ए-मित्र..
अचूक उपचार है..
स्पर्श तुम्हारा..!!"


...

9 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Sunil Kumar said...

jakhmi sainik sa .......bahut sundar bhav achhi soch ka udaharan ,aabhar

संजय भास्‍कर said...

khoobsurat...bhawpurn...

कविता रावत said...

badiya ahsas!

निर्मला कपिला said...

खूबसूरत एहसास। बधाई।

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुनील कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद कविता रावत जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद निर्मला कपिला जी..!!

punjabi by nature said...

आपके विचार भी अचूक उपचार एक मित्र के स्पर्च की तरह|

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिवाकर गर्ग जी..!!