Saturday, April 3, 2010
'बेटू..'
This is written xclusively for my 'betu'..whozz an integral part of my life and my soul..!!
...
"तराशा है..
जब-जब खुद को..
पाया है..
अपना 'बेटू'..
तपाया है..
जब-जब खुद को..
निखारा है..
अपना 'बेटू'..
रवानगी-ए-जिंदगानी..
खो कर..
हँसाया है..
अपना 'बेटू'..
शफ़क़त लपेट..
सजाया है सेज..
रूह से..
महकाया है..
अपना 'बेटू'..!"
...
* शफ़क़त = वात्सालय..
8 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
सुंदर कविता
बहुत सुन्दर
अहसास का सफर है
धन्यवाद वर्मा जी..!!
अति उत्तम रचना .....बहुत बढ़िया
बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......
kya gajab ka hota he ye betu
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
धन्यवाद देवेश प्रताप जी..!!
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
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