कम शब्दों में कुछ कहना आसान नहीं होता ...लेकिन आप अपनी बात बा खूबी कह देती हैं.कोशिश कर रहा हूँ आपकी लेखनी से सीखने की.
धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!
बहुत खूब ... महबूब का दीदार हो तो मुहब्बत का जिक्र हो न हो ...
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कम शब्दों में कुछ कहना आसान नहीं होता ...लेकिन आप अपनी बात बा खूबी कह देती हैं.
कोशिश कर रहा हूँ आपकी लेखनी से सीखने की.
धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!
बहुत खूब ... महबूब का दीदार हो तो मुहब्बत का जिक्र हो न हो ...
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