Monday, August 8, 2011

' लज्ज़त-ए-सुकून..'





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"क्यूँ करें शिकायत कोई..
मोहब्बत जिनका जुनूं हो..
रगों में दौड़ता एहसास..
लफ़्ज़ों में लज्ज़त-ए-सुकून हो..!!"


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11 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

सागर said...

very nice...

Dev said...

बहुत खूब ....

SAJAN.AAWARA said...

Psand aayi apki shayri.....
Jai hind jai bharat

Nidhi said...

सच्ची मोहब्बत हो तो ...उसमें शिकायत ,बदगुमानी की कोई जगह नहीं होती..

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सागर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद देवेश प्रताप जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद साजन अवारा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा!!

संजय भास्‍कर said...

दिल को छू लेने वाली