Sunday, February 19, 2012

'पेचीदा..'

...

"करीब हुए फासले सारे..
मिटे दरमियां थे..
जितने नज़ारे..
जिस्मों से रूह के नाते..
उफ़..
बहुत पेचीदा हैं..
है ना..!!!"



...

10 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

विभूति" said...

.बहुत खूब.....

Nidhi said...

हैं तो पेचीदा.....पर सब कुछ आसान हो तो पसंद भी तो नहीं आता

M VERMA said...

यकीनन बहुत पेचीदा

Prakash Jain said...

Wah!!! Sachmuch pechida hai...

vidya said...

है तो...मगर मज़ा भी उसी में है..

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद एम वर्मा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद प्रकाश जैन जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद विद्या जी..!!